भारत देश से "वृद्धाश्रम परिपाटी" खत्म करें...

5/8/20241 min read

क्या आप भी चाहते हैं अपने जीवन का अंतिम पड़ाव वृद्धाश्रम में व्यतीत हो जहाँ आपका अपना कोई नहीं,अगर नहीं तो...

वृद्धाश्रम का विरोध करने के लिए हमें समाज में जागरूकता फैलाने और परिवारिक मूल्यों को सशक्त बनाने की आवश्यकता है। वृद्धाश्रम की जरूरत तब पड़ती है जब बुजुर्गों को उनके परिवार द्वारा उपेक्षित किया जाता है या जब उनके पास कोई देखभाल करने वाला नहीं होता। इसका विरोध करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

1. परिवारिक मूल्यों को बढ़ावा देना

बच्चों और युवाओं को बचपन से ही बुजुर्गों के प्रति आदर और प्रेम सिखाया जाए। संयुक्त परिवार प्रणाली को प्रोत्साहित किया जाए।

2. समाज में जागरूकता फैलाना

बुजुर्गों के महत्व और उनके अनुभवों की कद्र को लेकर अभियान चलाना। यह समझाना कि बुजुर्ग परिवार की धरोहर हैं और उनकी देखभाल करना हमारी जिम्मेदारी है।

3. सरकार और गैर-सरकारी संगठनों की भूमिका

बुजुर्गों की समस्याओं को हल करने के लिए पारिवारिक परामर्श सेवाएं प्रदान की जाएं। ऐसी नीतियां बनाई जाएं जो बुजुर्गों को उनके परिवार में रहने और उनके साथ सम्मानित जीवन जीने में मदद करें।

4. पारिवारिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना

यह सुनिश्चित करना कि परिवार के सदस्य अपनी जिम्मेदारियों को समझें। युवाओं को यह सिखाया जाए कि वे अपने माता-पिता की देखभाल को प्राथमिकता दें।

5. बुजुर्गों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाना

स्कूलों और कॉलेजों में बुजुर्गों के प्रति संवेदनशीलता पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। सामाजिक और धार्मिक संगठनों द्वारा बुजुर्गों की मदद के लिए विशेष प्रयास किए जाएं।

6. प्रेरणादायक उदाहरण देना

उन परिवारों की कहानियां साझा करें जो बुजुर्गों की सेवा और देखभाल के उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। यह प्रयास यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि वृद्धाश्रम की आवश्यकता कम से कम हो और बुजुर्ग अपने परिवारों के साथ सुरक्षित और खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकें।...✍

धन्यवाद!

डाॅ मनीष वैद्य

सचिव "वृद्ध सेवा आश्रम" राँची, झारखंड